Diabetes kya hai इसके लक्षण क्या है
Diabetes
आजकल डायबिटीज़ से कौन नहीं परिचित है। वर्तमान समय में ये एक आम बीमारी हो गयी है। इसके लक्षण जीवन पर्यन्त रहते हैं। अगर इसका सही समय पर उपचार न किया जाय तो इससे तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
तो इस आर्टिकल में हम जानेंगे की डायबिटीज़ क्या है ,इसके कारण, बचाव और इलाज क्या है।
डायबिटीज क्या है
डायबिटीज यानि मधुमेह एक गंम्भीर बीमारी है, जिसमे हमारा अग्न्याशय पर्याप्त इन्सुलिन या बिलकुल भी इन्सुलिन नहीं बनाता। इन्सुलिन एक प्रकार का हार्मोन है जो रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज) को नियंत्रित करता है। इन्सुलिन की कमी के कारण ही हमारा ब्लड ग्लूकोज सिस्टम अनियंत्रित हो जाता है, जिससे शुगर लेवल बढ़ जाता है जो डायबिटीज का कारण बनता है
ब्लड ग्लूकोस का क्या काम है
डायबिटीज जिसे मधुमेह भी कहा जाता है एक चयापचय रोग है, जो हाई ब्लड शुगर के कारण होता है। इन्सुलिन जोकि एक हार्मोन है शुगर को खून से कोशिकाओं तक एकत्रित करने के लिए ले जाता है। फिर वहां से इसका उपयोग ऊर्जा के रूप में होता है। डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति में इन्सुलिन की कमी के कारण इसका उपयोग नहीं हो पाता है और शुगर लेवल बढ़ जाता है। अगर इसका सही इलाज न किया जाय तो इससे शरीर के और अंग जैसे- आंख गुर्दे आदि भी प्रभावित हो सकते है।
डायबिटीज के प्रकार
डायबिटीज मेटाबॉलिज़्म से जुडी एक बीमारी है, जो शरीर को कमजोर बना देती है। डायबिटीज मुख्यता तीन प्रकार की होती है। वो तीन प्रकार कौन-कौन से चलिए जानते है।
#टाइप 1 :
टाइप 1 मधुमेह का ऐसा प्रकार है जिसमे अग्न्याशय पर्याप्त इन्सुलिन या बिलकुल भी इन्सुलिन नहीं बनाता है। यह बूढ़े, व्यस्कों व बच्चो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना प्रत्यक्ष रूप से इन्सुलिन लेने की आवश्यकता होती है।
#टाइप 2 :
#गर्भावस्थाजन्य मधुमेह :
गर्भावधि मधुमेह गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है। सामान्यतः यह मधुमेह बच्चे के जन्म के बाद यह मधुमेह दूर हो जाता है। गर्भावधि मधुमेह से ग्रसित मरीज को टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना होती है
डायबिटीज के लक्षण
*अत्यधिक प्यास लगना
*लगातार पेशाब आना
*भूख ज्यादा लगना
*वजन अचानक से काम या ज्यादा हो जाना
*जल्दी थका लगना
*सिर घूमना अर्थात चक्कर आना
*घाव जल्दी न भरना
लम्बे समय तक हाई ब्लड शुगर लेवल की स्थिति शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों जैसे- ह्रदय, किडनी, आंख आदि से सम्बंधित जटिलताओं का कारण बनती है।
डायबिटीज के कारण
डायबिटीज का उपचार
अपने शरीर में ब्लड शुगर स्तर को जानने के लिए सबसे पहले ब्लड टेस्ट आवश्यकता होती है। उपचार की प्रक्रिया टेस्ट के पश्चात प्राप्त ब्लड शुगर के स्तर पर निर्भर करती है। मधुमेह की रोकथाम के लिए जीवन शैली में बदलाव और दवा का संयोजन शामिल है। तो चलिए जानते है कि किन आदतों में बदलाव करके मधुमेह को रोका जा सकता है -
* व्यायाम करना
* चिकनी चीजों और ज्यादा कैलोरी आहार जैसे गन्ना, शकरकंद आदि से परहेज करना
* हरी शब्जियाँ एवं फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना
* प्रतिदिन रनिंग और योगा करना काफी मददगार होगा
* ध्रूमपान से दुरी बनाये रखना
* शरीर में ब्लड शुगर की स्थिति जानने के लिए समय समय पर टेस्ट करवाना
* स्थिति गंभीर होने पर अच्छे डॉक्टर से कॉन्टेक्ट करें करें
उपरोक्त प्राथमिक विधियों का अनुसरण करके मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है।
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